साइबर सिटी गुरुग्राम के एक साधारण परिवार की दिव्या पहुजा दो गैंगस्टरों के बीच फँसकर सात साल में ही न केवल चर्चा में आ गई, बल्कि इन्हीं सात सालों के दौरान उनकी कहानी का अंत भी हो गया। सात साल पहले गैंगस्टर संदीप गाडौली के एनकाउंटर के बाद चर्चा में आई दिव्या की कहानी का अंत अब एक होटल मालिक की दोस्ती के साथ हो गया है।
पुलिस के अनुसार अभिजीत ने दोनों साथियों को शव ठिकाने लगाने के लिए 10 लाख रुपये दिए थे। आठ दिन बाद भी अब तक दिव्या का शव बरामद नहीं हुआ है। और न ही दोनों आरोपी पकड़े जा सके हैं। इस पर पुलिस ने दोनों आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है। शव के बारे में भी जानकारी देने वाले को 50 हजार रूपए की घोषणा की गई है।
2 जनवरी को हुई थी मॉडल दिव्या की हत्या
दो जनवरी की शाम पाँच बजे होटल मालिक अभिजीत ने दिव्या की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद अभिजीत ने बलराज गिल और रवि को शव ठिकाने लगाने के लिए बुलाया था। इसके बाद शव को बीएमडब्ल्यू कार में डाला गया। दोनों आरोपी रात 11 बजे बीएमडब्ल्यू को लेकर फरार हो गए थे।
भाखड़ा नहर में फेंक दिया था दिव्या का शव
पुलिस ने अपने सूत्रों के अनुसार यह शंका जताई कि दोनों ने दिव्या के शव को भाखड़ा नहर में फेंक दिया और अंडरग्राउंड हो गए। लेकिन मॉडल दिव्या की हत्या के बाद पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने उसकी जाँच के लिए एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी की ओर से गठित चार टीमों में दो टीमें पंजाब में अलग-अलग ठिकानों पर छापा मार रहीं हैं। जबकि दो टीमें यहाँ पर जाँच में जुटी हैं। इसके साथ ही दूसरी ओर बुधवार को मेघा का दो दिन का रिमांड पूरा होने पर उसे कोर्ट में पेश किया गया। यहाँ से उसे जेल भेज दिया गया।
पुलिस द्वारा लुकआउट सर्कुलर जारी कराने की तैयारी
बलराज गिल मोहाली का रहने वाला है और वह कई सालों से दिव्या हत्याकांड के मुख्य आरोपी अभिजीत के साथ दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन वाले घर पर रहता था। वहीं रवि बांगा हिसार का है। बलराज गिल और रवि के विदेश भागने की आशंका जताई गई है। इसको देखते हुए गुरुग्राम पुलिस भी दोनों आरोपियों के विरुद्ध लुकआउट सर्कुलर जारी कराने की तैयारी कर रही है।